ब्रेकिंग:दिल्ली :--👉👉पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार कुछ पुराने मठाधीश पैवेलियन भेज दिये गये नए केंद्रीय मंत्रिमंडल में 7 पीएचडी, 3 एमबीए, 13 वकील, 6 डॉक्टर, 5 इंजीनियर, 7 सिविल सर्वेंट और स्नातक डिग्री वालों को शामिल किया गया:::==पढें विस्तार से खबर

*मोदी मंत्रिमंडल का महाविस्तार*

पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार हो गया है। भाजपा और उसके सहयोगियों के 43 नए और पुराने मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। नए केंद्रीय मंत्रिमंडल में 7 पीएचडी, 3 एमबीए, 13 वकील, 6 डॉक्टर, 5 इंजीनियर, 7 सिविल सर्वेंट और स्नातक डिग्री वालों को शामिल किया गया है। आइए जानते हैं इन मंत्रियो के बारे में।

43 नये मंत्री शामिल : 12 मंत्रियों की छुट्टी

       प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 43 चेहरों में उत्‍तर प्रदेश से सबसे ज्‍यादा सात नेताओं का नाम शामिल है। इस कैबिनेट विस्‍तार में राजनीतिक समीकरण के लिहाज से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधा गया है। इन नए चेहरों में अनुप्रिया पटेल, डॉ एसपी बघेल, पंकज चौधरी, भानु प्रताप वर्मा, कौशल किशोर, बीएल शर्मा और अजय कुमार मिश्रा का नाम शामिल है। आगामी यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार में ओबीसी प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया है।

      मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में शुमार थीं। पंकज चौधरी महाराजगंज से और अजय कुमार मिश्रा लखीमपुर खीरी से सांसद हैं। वहीं, बीएल वर्मा राज्‍यसभा के सदस्‍य हैं। इनके अलावा कौशल किशोर मोहनलालगंज से सांसद हैं। इससे पहले चर्चा थी कि यूपी में ब्राह्मण वोटबैंक साधने के लिए हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को भी केंद्रीय कैबिनेट शामिल किया जा सकता है। गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्‍ला, रामशंकर कठेरिया और सत्‍यपाल सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा चल रही थी।

      मोदी मंत्रिमंडल के विस्‍तार को उत्‍तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के नजरिये से अहम माना जा रहा है। इस विस्‍तार के माध्‍यम से बीजेपी कुछ खास जाति और वर्ग के वोटरों के बीच बड़ा मैसेज देना चाह रही है। बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के इकलौते सांसद प्रवीण निषाद के भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी। इनके अलावा रीता बहुगुणा जोशी या सीमा द्विवेदी में से किसी एक को मंत्री पद दिए जाने की बात चल रही थी।

       मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार से पहले एक दर्जन से अधिक मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दी गई है। एक तरफ जहां स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अहम मंत्रालय छीन लिया गया है तो सरकार को आईटी व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी इस्तीफा देना पड़ा है। रविशंकर प्रसाद से ऐसे समय पर इस्तीफा लिया गया है, जब उनके मंत्रालय ने नए आईटी नियमों को लागू किया था, जिसको लेकर ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों से सरकार का टकराव चल रहा था। ऐसे में इनके इस्तीफे से विश्लेषक भी हैरान हैं। मोदी मंत्रिमंडल से कुल 12 मंत्रियों का इस्तीफा हुआ है।

        रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर को जहां कैबिनेट से बाहर कर दिया गया है तो हर्षवर्धन से स्वास्थ्य मंत्रालय छीन लिया गया है। राष्ट्रपति सचिवालय की विज्ञप्ति के अनुसार, ''प्रधानमंत्री के सुझाव पर भारत के राष्ट्रपति ने मंत्रिपरिषद के 12 सदस्यों का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।'' जिन मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार किया गया है, उनमें सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, थावरचंद गहलोत, रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्द्धन, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष कुमार गंगवार शामिल है। रविशंकर प्रसार के पास कानून मंत्रालय के साथ साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय था जबकि जावड़ेकर पर्यावरण मंत्रालय के साथ साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संजय धोत्रे, रतनलाल कटारिया, प्रतापचंद सारंगी और देवश्री चौधरी का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया। इससे पहले, सूत्रों ने बताया कि निशंक ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है । निशंक अप्रैल में कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। ठीक होने के बाद उन्हें जून में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स) में दोबारा भर्ती होना पड़ा था। 

सूत्रों के अनुसार डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। डॉ. हर्षवर्धन खुद एक डॉक्टर हैं और उनके पास स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का भी प्रभार था। गौड़ा ने भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है। गौड़ा, नरेंद्र मोदी सरकार में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम अनुपालन, विधि और रेल मंत्रालय का प्रभार भी संभाल चुके हैं।

शपथ ग्रहण के बाद नई केबिनेट को काम भी दे दिया गया


 










 










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